उत्तर प्रदेश के प्रमुख लोक नृत्य

उत्तर प्रदेश के प्रमुख लोक नृत्य

इस अध्याय में हम उत्तर प्रदेश के प्रमुख लोक नृत्य PDF से सम्बन्धित महत्वपूर्ण प्रश्न के बारे में जानगे  इस अध्याय से

भी प्रश्न पूछे जाते है। तो आइये जानते है। उत्तर प्रदेश के लोकनृत्य

उत्तर प्रदेश के प्रमुख लोक नृत्य 

उत्तर प्रदेश का लोकनृत्य बहुत ही प्रसिद्ध है। आइये जानते है उत्तर प्रदेश के प्रमुख लोकनृत्य और ये नृत्य उत्तर प्रदेश

के किस जिले में पाई जाती है। उत्तर प्रदेश में सबसे प्रचलित लोकनृत्य नौटंकी है।

कत्थक नृत्य शैली  की अवध के अंतिम नवाब  वाजिद अली शाह ने प्रोत्साहित किया था।

चरकुला एक खड़ा नृत्य है । जो ब्रजभूमि का लोक नृत्य है ।

चरकुला नृत्य सिर पर रथ के पहिये पर कई घड़ों को रखकर किया जाता है।

उत्तर प्रदेश का लोकनृत्य चरकुला नृत्य किस जिले में मनाया जाता है – ब्रजभूमि मे होता है।

पाई डंडा नृत्य उत्तर प्रदेश के किस जिले में किया जाता है  – बुंदेलखंड जिले में

बिरहा, चैती , ढोला, कजरी, आल्हा, पूरन भगत और भर्तुहरि उत्तर प्रदेश के प्रमुख लोक गीत है।

नटवरी लोकनृत्य उत्तर प्रदेश के किस जिले में किया जाता है – पूर्वी उत्तर प्रदेश में

चौरसिया लोकनृत्य उत्तर प्रदेश के किस जिले में होता है।

करमा लोकनृत्य उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर और सोनभद्र जिले होता है।

दीपावली बुंदेलखंड क्षेत्र मे होता है।

राई लोकनृत्य उत्तर प्रदेश के बुंदलेखण्ड में किया जाता है।

कार्तिक गीत का क्षेत्र बुंदलेखण्ड में होता है।

उत्तर प्रदेश के प्रमुख लोकगीत

रसिया लोक गीत उत्तर प्रदेश के ब्रजभूमि क्षेत्र में किया जाता है।

कजरी लोक गीत उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले  किया जाता है।

आल्हा लोक गीत उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड जिले में गया जाता है।

बिरहा लोक गीत उत्तर प्रदेश के पूर्वोंचल जिले में किया जाता है।

उत्तर प्रदेश में लोक नृत्य चरकुला, पाई डंडा, राई, दीपावली, शैर, कार्तिक गीत, करमा, चौरसिया, नटवरी ये सभी प्रसिद्ध उत्तर प्रदेश का लोकनृत्य है।

उत्तर प्रदेश में पाई डंडा नृत्य बुंदेलखंड के अहीरों द्वारा किया जाता है।

राई नृत्य उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड की महिलाओं का मयूर नृत्य है इसे वे श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर करती है। बहुत धुम धाम से मनाया जाता है।

उत्तर प्रदेश में त्रिवेणी महोत्सव कहाँ मनाया जाता है इलाहाबाद (प्रयागराज में)

उत्तर प्रदेश में बुद्ध महोत्सव सारनाथ में मनाया जाता है।

धोबिया राग नृत्य प्रदेश की धोबी जाति द्वारा किया जाता है।

दो समूहों के मध्य प्रतियोगिता स्वरूप गायन को ख्याल कहते है।

कहार जाति द्वारा मांगलिक अवसर पर किए जाने वाले नृत्य को धीवर राग कहते है।

उत्तर प्रदेश में नौटंकी रामलीला का आयोजन सितंबर/अक्टूबर मास में नवरात्रि के समय किया जाता है।

रसिया लोक गीत उत्तर प्रदेश के ब्रजभूमि क्षेत्र में गायन परंपरा है।

हिंदु, मुस्लिम एकता के प्रतीक सुलहकुल उत्सव का आयोजन आगरा में किया जाता है।

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