इस अध्याय में हम उत्तर प्रदेश के एक महत्वपूर्ण टॉपिक उत्तर प्रदेश की प्रमुख जनजातियां से सम्बन्धित महत्वपूर्ण प्रश्न के बारे
मे जानगे इस अध्याय से भी प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाते है।
उत्तर प्रदेश की प्रमुख जनजातियां
उत्तर प्रदेश की कुल जनसंख्या में अनुसूचित जनजाति का प्रतिशत 2011 की जनगणना के अनुसार 0.6% है।
थारू जनजाति के लोग किरात वंश से सम्बन्धित है।
उत्तर प्रदेश में थारू विकास परियोजना का प्रारंभ 2 अक्टूबर, 1980 को किया गया।
थारू जनजाति के लोगों का मुख्य भोजन चावल है।
उत्तर प्रदेश में पाई जाने वाली प्रमुख जनजातियां गोंड, बुक्सा, थारू, जौनसारी, खरवार, राजी, महीगीर पाई जाती है।
उत्तर प्रदेश में जालौन एवं फैजाबाद जिलों में एक भी जनजाति नहीं पाई जाती है।
थारू जनजाति के लोग अपने घरों का निर्माण लकड़ी के लट्ठो तथा नरकुलों से करते है।
बजहर नामक पर्व थारु जनजाति द्वारा मनाया जाता है।
उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी जनजाति समूह गोंड है। इसके बाद खरवार समूह है।
उत्तर प्रदेश में थारू समूह की एकमात्र जनजाति थारू पायी जाती है।
थारु जनजाति उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के तराई भाग में निवास करती है।
थारू जनजाति के लोग दीपावली को शोक पर्व के रूप में मनाते है।
बुक्सा जनजाति की पंचायत का सर्वोच्च व्यक्ति तखत कहलाता है।
उत्तर प्रदेश की जौनसारी जनजाति द्वारा विक्सू, पांचोई, और दियाई उत्सव मनाए जाते है।
थारू जनजाति में बदला विवाह प्रचलित है।
बुक्सा या भोक्सा जनजाति उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में पाई जाती है।
चामुंडा देवी की पूजा बुक्सा जनजाति के लोग करते है।
बुक्सा जनजाति का संबंध पटवार राजपूत घराने से माना जाता है।
बुक्सा जनजाति में सामाजिक स्तरीकरण पाया जाता है।
लोगों की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि है बुक्सा जनजाति की ।
उत्तर प्रदेश में बुक्सा जनजाति विकास परियोजना 1983-84 में प्रारंभ की गई थी।
महीगीर जनजाति उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में पाई जाती है।
करमा खरवार जनजाति का नृत्य है।
महीगीर जनजाति के लोग इस्लाम धर्म के अनुयायी है।
महीगीर जनजाति की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार मझली पकड़ना है।
उत्तर प्रदेश में खरवार जनजाति के लोग उत्तर प्रदेश में मुख्यतः सोनभद्र जिले में रहते है।
उत्तर प्रदेश की अनुसूचित जनजातियों एवं जनपद (जिला) स्थान
गोंड, धुरिया, नायक, ओझा, पथारी, राजगोंड – महराजगंज, सिद्धार्थ नगर, बस्ती, गोरखपुर, देवरिया, मऊ, आजमगढ़, जौनपुर, मिर्जापुर,सोनभद्र में पाई जाती है।
खरवार, खैरवार देवरिया, बलिया, गाजीपुर, बाराणसी एवं सोनभद्र जनपद में पाई जाती है।
सहरिया जनजाति ललितपुर में जिले में पाई जाती है।
परहिया जनजाति सोनभद्र में पाई जाती है।
बैगा जनजाति सोनभद्र जिले में पाई जाती है।
भुइया, भुइंया जनजाति उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में पाई जाती है।
चेरो जनजाति उत्तर प्रदेश के सोनभद्र एवं वाराणसी में पाई जाती है।
अगरिया जनजाति उत्तर प्रदेश के सोनभद्र एवं मिर्जापुर जिले में पाई जाती है।
पटारी जनजाति उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में पाई जाती है।
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