प्राचीन भारत पर पहला विदेशी आक्रमण | First Foreign Invasion on Ancient India
प्रिय साथियों क्या आप सभी जानते है कि भारत में विदेशी आक्रमण के बारे में अगर आप नही जानते है तो आप इस आर्टिकल में जान पाएगे दोस्तों आप सभी को बता दूकि हम इस आर्टिकल में बातने वाले है कि कैसे विदेशी आक्रमण हुआ था आप सभी जानते है कि हर एक प्रतियोगी परीक्षा में अवश्य प्रश्न पूछे जाते है । आप सभी जानते है कि यह अध्याय भारत का मध्यकालीन अध्याय का एक भाग है ।
हम आपको प्राचीन भारत पर पहला विदेशी आक्रमण | First Foreign Invasion on Ancient India बताने वाले है तथा इससे जुड़े प्रतियोगी परीक्षा में पूछे जाने वाले टॉप 40 प्रश्न भी देगे जो हर के प्रतियोगी परीक्षा के लिए रामबाण साबित हो सकता है । तो आइये जानते है ।
प्राचीन भारत पर पहला विदेशी आक्रमण
प्राचीन भारत पर पहला विदेशी आक्रमण ईरानी (फारसी) शासकों द्वारा छठी शताब्दी ईसा पूर्व में किया गया था
आक्रमणकारी: हखामनी साम्राज्य (Achaemenid Empire) के शासक।
पहला चरण (साइरस महान): साम्राज्य के संस्थापक साइरस द्वितीय (Cyrus II) (लगभग 558-530 ईसा पूर्व) पहले शासक थे जिन्होंने भारत के उत्तर-पश्चिमी सीमांत क्षेत्रों पर हमला किया। उन्होंने गांधार सहित सिंधु नदी के पश्चिम के भारतीय जनजातियों पर नियंत्रण स्थापित किया।
सफल और व्यवस्थित विजय (डेरियस प्रथम): हालांकि साइरस ने आक्रमण किया था, लेकिन पहला सफल और संगठित आक्रमण डेरियस प्रथम (Darius I) (जिसे दारा प्रथम भी कहा जाता है) द्वारा लगभग 518 ईसा पूर्व में किया गया था।
विजित क्षेत्र: डेरियस प्रथम ने पंजाब के पश्चिमी भाग, सिंध और सिंधु घाटी को अपने साम्राज्य में मिला लिया। ये क्षेत्र उसके साम्राज्य का 20वां प्रांत (क्षत्रपी) बने और वहाँ से भारी राजस्व प्राप्त होता था।
ईरानी आक्रमण के प्रभाव
ईरानी संपर्क ने भारत-ईरानी व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा दिया।
ईरानी लिपिकों द्वारा खरोष्ठी लिपि भारत लाई गई, जिसका उपयोग बाद में अशोक के कुछ शिलालेखों में किया गया।
मौर्यकालीन वास्तुकला, विशेषकर अशोक के स्तंभों पर ईरानी प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जाता है।
इन ईरानी आक्रमणों के बाद ही, लगभग 326 ईसा पूर्व में सिकंदर महान (Alexander the Great) का आक्रमण हुआ, जो भारत के आंतरिक भागों तक पहुंचने वाला पहला यूरोपीय आक्रमणकारी था।
सिकंदर का भारत पर आक्रमण
समय: 326-325 ईसा पूर्व (लगभग 19 महीनों तक भारत में रहा)।
कारण: विश्व विजय की महत्वाकांक्षा: सिकंदर दुनिया को जीतना चाहता था, और भारत की विजय उसकी इस महत्वाकांक्षा का अंतिम चरण थी।
धन की लालसा: उसने भारत की अपार धन-संपदा के बारे में सुन रखा था, जिससे वह आकर्षित हुआ।
भौगोलिक जिज्ञासा: वह भौगोलिक जानकारी प्राप्त करने और दुनिया के पूर्वी छोर तक पहुंचने का इच्छुक था।
मार्ग:
उसने ईरान (फारस) को जीतने के बाद, काबुल के रास्ते हिंदुकुश पर्वत (खैबर दर्रा) पार किया और 326 ईसा पूर्व में भारत में प्रवेश किया।
प्रमुख युद्ध और घटनाएँ
तक्षशिला के शासक आम्भी (Ambhi): आम्भी ने बिना लड़े ही सिकंदर के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और उसे सैन्य सहायता भी दी।
हाइडेस्पेस का युद्ध (झेलम का युद्ध):
यह युद्ध 326 ईसा पूर्व में राजा पोरस (Porus) और सिकंदर के बीच झेलम नदी (जिसे यूनानी ‘हाइडेस्पेस’ कहते थे) के तट पर लड़ा गया था।
राजा पोरस ने अपनी सेना और युद्ध हाथियों के साथ बहादुरी से लड़ाई लड़ी, जिससे यूनानी सैनिक प्रभावित हुए।
हालांकि यूनानी स्रोतों के अनुसार सिकंदर विजयी हुआ, लेकिन पोरस की वीरता से प्रभावित होकर सिकंदर ने उसे अपना राज्य वापस कर दिया और उसे अपना सहयोगी बना लिया।
सिकंदर का वापस लौटना
झेलम के युद्ध के बाद, सिकंदर आगे बढ़ना चाहता था, लेकिन उसकी सेना ने ब्यास नदी पार करने से इनकार कर दिया। इसके मुख्य कारण थे:
लंबे अभियान से थकावट: सैनिक पिछले 10 वर्षों से लगातार युद्ध कर रहे थे और अपने घर लौटना चाहते थे।
भारतीय सेना का भय: पोरस की हाथियों वाली सेना के साथ हुए भयंकर युद्ध ने यूनानी सैनिकों का मनोबल गिरा दिया था। उन्होंने मगध के नंद साम्राज्य की विशाल सेना (जिसमें और भी बड़े हाथी थे) के बारे में सुन रखा था, जिससे वे डर गए।
बीमारी और खराब मौसम: भारत की मानसूनी जलवायु और बीमारियाँ भी सैनिकों के लिए असहनीय थीं।
सेना के विद्रोह के कारण, सिकंदर को 326 ईसा पूर्व में वापस मुड़ने पर मजबूर होना पड़ा। वापस जाते समय 323 ईसा पूर्व में बेबीलोन (Babylon) में उसकी मृत्यु हो गई।
आक्रमण के प्रभाव
राजनीतिक एकीकरण: सिकंदर के आक्रमण ने उत्तर-पश्चिमी भारत के छोटे-छोटे राज्यों को कमज़ोर कर दिया, जिससे बाद में चंद्रगुप्त मौर्य को इन क्षेत्रों को जीतकर एक विशाल मौर्य साम्राज्य स्थापित करने में मदद मिली।
प्रत्यक्ष संपर्क: इस आक्रमण से भारत और यूनान (यूरोप) के बीच सीधे व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंध स्थापित हुए, जो सदियों तक चले।
कला और संस्कृति: गांधार कला शैली पर यूनानी कला का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जाता है।
ऐतिहासिक विवरण: सिकंदर के साथ आए यूनानी इतिहासकारों (जैसे मेगास्थनीज) ने भारत के बारे में लिखित रिकॉर्ड छोड़े, जो भारतीय इतिहास के पुनर्निर्माण में सहायक हैं।
विदेशी आक्रमण से महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
- भारत पर पहला विदेशी आक्रमण किसके द्वारा किया गया?
- (A) यूनानियों द्वारा
- (B) अरबों द्वारा
- (C) ईरानियों द्वारा (फारसी)
- (D) कुषाणों द्वारा
उत्तर: (C) ईरानियों द्वारा (फारसी)
- हखामनी (Achaemenid) वंश का वह कौन सा शासक था जिसने सबसे पहले भारत के उत्तर-पश्चिमी भाग पर आक्रमण किया?
- (A) दारा प्रथम (Darius I)
- (B) साइरस महान (Cyrus the Great)
- (C) ज़र्क्सीस (Xerxes)
- (D) डेरियस III
उत्तर: (B) साइरस महान (Cyrus the Great)
- साइरस महान ने किस शताब्दी ईसा पूर्व में भारतीय सीमांत क्षेत्रों पर विजय प्राप्त की थी?
- (A) 5वीं शताब्दी ईसा पूर्व
- (B) 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व
- (C) 4वीं शताब्दी ईसा पूर्व
- (D) 7वीं शताब्दी ईसा पूर्व
उत्तर: (B) 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व
- किस ईरानी शासक ने सिंधु घाटी के बड़े हिस्से को अपने साम्राज्य का 20वां प्रांत (क्षत्रपी) बनाया?
- (A) साइरस महान
- (B) ज़र्क्सीस
- (C) दारा प्रथम (Darius I)
- (D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (C) दारा प्रथम (Darius I)
- ईरानी आक्रमण के परिणामस्वरूप भारत के पश्चिमोत्तर क्षेत्र में किस लिपि का विकास हुआ?
- (A) ब्राह्मी लिपि
- (B) खरोष्ठी लिपि
- (C) देवनागरी लिपि
- (D) तमिल लिपि
उत्तर: (B) खरोष्ठी लिपि
- ईरानी संपर्क का मौर्यकालीन वास्तुकला पर क्या प्रभाव देखा जाता है?
- (A) मंदिरों का निर्माण
- (B) स्तूपों का निर्माण
- (C) अशोक के स्तंभों पर प्रभाव
- (D) गुफा चित्रों पर प्रभाव
उत्तर: (C) अशोक के स्तंभों पर प्रभाव
- हखामनी साम्राज्य के किस शासक ने भारत के विजित क्षेत्रों से भारी राजस्व (लगभग 360 टैलेंट सोना) प्राप्त किया था?
- (A) साइरस II
- (B) दारा I
- (C) ज़र्क्सीस
- (D) आर्टज़र्क्सीस
उत्तर: (B) दारा I
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- प्राचीन भारत के किस क्षेत्र पर सबसे पहले विदेशी नियंत्रण स्थापित हुआ?
- (A) मगध
- (B) अवन्ति
- (C) उत्तर-पश्चिमी सीमांत प्रांत (गांधार, सिंध)
- (D) कलिंग
उत्तर: (C) उत्तर-पश्चिमी सीमांत प्रांत (गांधार, सिंध)
- सिकंदर (Alexander the Great) ने भारत पर किस वर्ष आक्रमण किया था?
- (A) 330 ईसा पूर्व
- (B) 326 ईसा पूर्व
- (C) 323 ईसा पूर्व
- (D) 305 ईसा पूर्व
उत्तर: (B) 326 ईसा पूर्व
- सिकंदर किस देश का शासक था?
- (A) फारस
- (B) रोम
- (C) मेसीडोनिया (यूनान)
- (D) मिस्र
उत्तर: (C) मेसीडोनिया (यूनान)
- भारत में प्रवेश करने के लिए सिकंदर ने किस दर्रे का प्रयोग किया था?
- (A) बोलन दर्रा
- (B) गोमल दर्रा
- (C) खैबर दर्रा
- (D) पीर पंजाल दर्रा
उत्तर: (C) खैबर दर्रा
- सिकंदर के आक्रमण के समय उत्तर भारत में किस राजवंश का शासन था?
- (A) मौर्य वंश
- (B) गुप्त वंश
- (C) शिशुनाग वंश
- (D) नंद वंश
उत्तर: (D) नंद वंश
- नंद वंश के किस शासक के शासनकाल में सिकंदर ने भारत पर आक्रमण किया था?
- (A) महापद्मनंद
- (B) घनानंद
- (C) कालाशोक
- (D) उदयन
उत्तर: (B) घनानंद
- सिकंदर और राजा पोरस के बीच प्रसिद्ध ‘हाइडेस्पेस का युद्ध’ किस नदी के तट पर लड़ा गया था?
- (A) सिंधु नदी
- (B) चिनाब नदी
- (C) झेलम नदी
- (D) रावी नदी
उत्तर: (C) झेलम नदी
- हाइडेस्पेस के युद्ध का एक अन्य नाम क्या है?
- (A) तक्षशिला का युद्ध
- (B) ब्यास का युद्ध
- (C) झेलम/वितस्ता का युद्ध
- (D) पानीपत का युद्ध
उत्तर: (C) झेलम/वितस्ता का युद्ध
- युद्ध में पोरस की बहादुरी से प्रभावित होकर, सिकंदर ने क्या किया?
- (A) उसे बंदी बना लिया
- (B) उसका वध कर दिया
- (C) उसे अपना राज्य वापस कर दिया
- (D) उसे अपना सेनापति बना लिया
उत्तर: (C) उसे अपना राज्य वापस कर दिया
- सिकंदर की सेना ने किस नदी को पार करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद उसे वापस लौटना पड़ा?
- (A) सिंधु
- (B) झेलम
- (C) चिनाब
- (D) ब्यास
उत्तर: (D) ब्यास
- सिकंदर की मृत्यु कहाँ और किस वर्ष हुई थी?
- (A) भारत, 325 ईसा पूर्व
- (B) बेबीलोन, 323 ईसा पूर्व
- (C) मेसीडोनिया, 324 ईसा पूर्व
- (D) ईरान, 330 ईसा पूर्व
उत्तर: (B) बेबीलोन, 323 ईसा पूर्व
- सिकंदर भारत में कुल कितने महीने तक रहा?
- (A) 24 महीने
- (B) 12 महीने
- (C) 19 महीने
- (D) 10 महीने
उत्तर: (C) 19 महीने
- सिकंदर के आक्रमण के समय तक्षशिला का शासक कौन था, जिसने उसका स्वागत किया?
- (A) पोरस
- (B) आम्भी (Ambhi)
- (C) चंद्रगुप्त मौर्य
- (D) घनानंद
उत्तर: (B) आम्भी (Ambhi)
- भारत में सिकंदर की सफलता का एक मुख्य कारण क्या था (NCERT के अनुसार)?
- (A) भारतीय राजाओं का आपस में लड़ना
- (B) सिकंदर की सेना का विशाल होना
- (C) भारत में हाथियों की कमी
- (D) जासूसी प्रणाली का अभाव
उत्तर: (A) भारतीय राजाओं का आपस में लड़ना
- सिकंदर के आक्रमण के बाद भारत और यूनान के बीच किस क्षेत्र में सीधा संपर्क स्थापित हुआ?
- (A) केवल राजनीतिक
- (B) केवल धार्मिक
- (C) व्यापारिक और सांस्कृतिक
- (D) केवल सैन्य
उत्तर: (C) व्यापारिक और सांस्कृतिक
- किस कला शैली पर यूनानी आक्रमण का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जाता है?
- (A) मथुरा कला शैली
- (B) पाल कला शैली
- (C) गांधार कला शैली
- (D) गुप्त कला शैली
उत्तर: (C) गांधार कला शैली
- सिकंदर के साथ आने वाले इतिहासकारों में कौन शामिल नहीं था?
- (A) मेगास्थनीज (यह चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में आया था)
- (B) निआर्कस (Nearchus)
- (C) एरिस्टोबुलस (Aristobulus)
- (D) ओनेसिक्रिटस (Onesicritus)
उत्तर: (A) मेगास्थनीज
- यूनानी आक्रमण का सबसे महत्वपूर्ण परिणाम क्या था?
- (A) फारसी शासन का अंत
- (B) भारत में लोकतंत्र की शुरुआत
- (C) मौर्य साम्राज्य के उदय का मार्ग प्रशस्त करना
- (D) बौद्ध धर्म का प्रसार
उत्तर: (C) मौर्य साम्राज्य के उदय का मार्ग प्रशस्त करना
- प्राचीन भारत में आक्रमणकारियों का सही क्रम क्या था?
- (A) यूनानी-शक-कुषाण
- (B) शक-यूनानी-कुषाण
- (C) कुषाण-शक-यूनानी
- (D) यूनानी-कुषाण-शक
उत्तर: (A) यूनानी-शक-कुषाण
- किस यूनानी इतिहासकार ने भारत के तत्कालीन सामाजिक और आर्थिक जीवन का विस्तृत वर्णन किया?
- (A) हेरोडोटस
- (B) मेगास्थनीज (इंडिका पुस्तक में)
- (C) टॉलेमी
- (D) प्लिनी
उत्तर: (B) मेगास्थनीज
- सिकंदर ने अपने विजित भारतीय क्षेत्रों का प्रशासन किसे सौंपा था?
- (A) पोरस और आम्भी को
- (B) सेल्यूकस निकेटर (Seleucus Nicator) और अन्य गवर्नरों को
- (C) चंद्रगुप्त मौर्य को
- (D) केवल पोरस को
उत्तर: (B) सेल्यूकस निकेटर (Seleucus Nicator) और अन्य गवर्नरों को
- भारत में यूनानी शासन की नींव किसके आक्रमण के बाद स्थायी रूप से पड़ी?
- (A) सिकंदर महान
- (B) डेमेट्रियस (Demeterius) (हिन्द-यवन शासक)
- (C) मीनांडर (Menander)
- (D) हेर्मियस (Hermius)
उत्तर: (B) डेमेट्रियस (Demeterius) (हिन्द-यवन शासक)
- भारत पर विदेशी आक्रमणों ने किस चीज़ को बढ़ावा दिया?
- (A) केंद्रीकृत शासन की शुरुआत
- (B) नए सैन्य संगठन
- (C) व्यापार मार्गों का विकास
- (D) उपरोक्त सभी
उत्तर: (D) उपरोक्त सभी